सरकार ने किसानों के कर्ज माफी को लेकर एक नया आदेश जारी कर दिया है सरकार के द्वारा किसानों को कर्ज से राहत प्रदान करने के लिए अब नए रोड में पर काम करना शुरू कर दिया है सरकार बाकायदा इसके लिए कानून बनाएगी सरकार के द्वारा सबसे पहले इसके लिए कानून बनाया जाएगा और कानून 2 अगस्त को बनाया जाएगा इसके बाद में सरकार सभी किसानों के कर्ज माफ को लेकर प्रक्रिया शुरू करेगी।
जैसा की आप सबको पता है कि भारत में 80 पर्सेंट आबादी खेती पर निर्भर करती है और लोग गरीबी के कारण किसान कार्यालय के लेकिन इस समय पर नहीं चुका पाते हैं लेकिन अब चिंता की कोई बात नहीं है सरकार है कैसा कानून बनाने जा रही है जिससे कर्ज लेने के बाद में आप परेशानी में नहीं रहेंगे।
सरकार के द्वारा आयोग बनाया जाएगा आयोग बनने के बाद में कोई भी बैंक और कोई भी फाइनेंस कल संस्था किसी भी कारण से कर्जे को वसूल करने के लिए परेशान नहीं बना सकेगी आयोग से सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने या सहायता करने के आदेश कभी भी जारी किए जा सकते हैं।
सरकार के द्वारा किसान कर्ज राहत आयोग को कोड जैसे पावर दिए जाएंगे अगर किसी इलाके में फसल खराब हो जाती है जिसकी वजह से किसान बैंकों से लिया हुआ कर्ज नहीं चुका पाते हैं ऐसी स्थिति में आयोग उस किसान या उस क्षेत्र को संकट कर इस स्थिति में घोषित कर सकते हैं और उसे राहत देने का अधिकार दिया जाएगा।
कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में अगर किसान आवेदन करता है या आयोग के समक्ष आयोग खुद अपने स्तर पर समझता है कि इन्हें इन किसानों को राहत की जरूरत है तो वह उसे संकटग्रस्त किसान घोषित कर सकता है संकटग्रस्त किसान घोषित करने का मतलब है कि उनकी फसल खराब होने की वजह से वह कर चुका पाने में सक्षम नहीं है कि स्थान घोषित होने के बाद कोई भी बैंक कर्ज वसूली नहीं कर सकता।
बैंकों से किस प्रकार माफ होगा
शंकरगढ़ क्षेत्र घोषित होने के बाद में आलू के पास में यदि कार्य पावर होगा कि वह बैंकों से लिए गए कर्ज को सेटेलमेंट के लिए आधार बनाकर इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकता है संकट कर्ज किसान घोषित होने के बाद में आयोग बैंक से बात करेगा और किसान का कर्ज माफ सेटलमेंट करवाएगा आयोग के द्वारा किसानों के पक्ष में फैसला लेने से पहले बैंक के प्रतिनिधियों को भी सुनवाई का मौका दिया जाएगा लोग को रीशेड्यूल करने और ब्याज कम करने जैसे फैसले भी आयोग कर सकेगा।
किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ
किसानों को दिए जाने वाले कर्ज को लेकर कई प्रक्रिया और शहरीकरण के लिए आयोग समय-समय पर सुझाव भी देगा आयोग के द्वारा संकटग्रस्त किसानों के हालातों को देखते हुए अपनी रिपोर्ट में किसान का कर्ज माफ करने की सिफारिश भी कर सकेगा।
आयु के द्वारा कोई भी फैसला किसान के पक्ष में सुनाए जाने के बाद में सिविल कोर्ट में इसे चुनौती नहीं दी जा सकेगी किसान कर्ज राहत आयोग को सिविल कोर्ट के बराबर शक्तियां दी जाएगी कर्ज राहत आयोग के किसी भी फैसले को सिविल कोर्ट या किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी आयोग किसी भी अवसर या व्यक्ति को संबंध करके बुला सकेगा।
किसान कर्ज माफी के लिए आवेदन
सरकार के द्वारा कानून 2 अगस्त को विधानसभा में पेश किया जाएगा और उसे पास होने के बाद में कोई भी कर्ज किसान कर्ज से राहत प्रदान किया रात पाने के लिए आवेदन कर सकेगा किसान को किसान आयोग के सामने आवेदन फाइल करना होगा उसके बाद में आयोग अपना फैसला सुनाएगा।
आयोग के द्वारा सभी जिलों में बैठक करके सुनवाई की जाएगी
किसान कर्ज राहत आयोग के द्वारा समय-समय पर किसानों को राहत प्रदान करने के लिए फील्ड में जाकर यानी जिलों में जाकर अपनी बेटी आयोजित करेगा जहां पर आयुक्त का महसूस होगी जो इलाके संकटग्रस्त है और जहां पर फसल खराब हुई है वहां पर खासतौर से किसानों का पक्ष जानने के लिए और हालात का जायजा लेने के लिए वहां पर इनके प्रतिनिधि जाएंगे।
किसान कर्ज माफी आयोग के द्वारा सेंट्रलाइज बैंकों और कमर्शल बैंकों के लिए किसानों को कर्ज को रिस्टोर करने और कर्ज माफी को लेकर आदेश भी जारी किया जा सकता है इसमें शॉर्ट टर्म लोन और मिड टर्म लोन या लोंग टर्म लोन बदलने के लिए भी रीशेड्यूल किया जा सकता है ऐसे हालात में अयोग्य ब्याज माफी की भी सिफारिश कर सकता है।
खेत और प्रॉपर्टी नीलाम नहीं कर सकेंगे बैंक
किसान कर्ज माफी आयोग के द्वारा संकटग्रस्त किसान घोषित होने के बाद में कोई भी बैंक या फाइनेंसर एस्ट्यूट किसान की कर्ज वसूली के लिए किसी प्रकार की कोई प्रॉपर्टीज आफ नहीं कर सकता और किसी प्रकार की कोई नीलामी नहीं कर सकता जब तक की आयु के पास में केस पेंडिंग रहता है किसान के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई विवाद या आवेदन या अपील या याचिकाओं पर रोक रहेगी।
किसान आयोग का गठन किन किन को मिलाकर किया जाएगा Check
सबसे बड़ी बात किसान कर्ज आयोग का गठन होने के बाद में इसमें कौन-कौन शामिल होंगे क्योंकि शामिल होने वाले व्यक्तियों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रहती है राज्य किसान कर्ज आयोग के लिए अध्यक्ष सहित पांच मेंबर इसमें नियुक्त किए जाएंगे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अध्यक्ष रहेंगे वही आयोग में एसीएस या प्रमुख सचिव रैंक पर रहे रिटायर्ड आईएएस जिला व सेशन कोर्ट के रिटायर्ड जज बैंकिंग सेक्टर में काम कर चुके अफसर या एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट को मेंबर बनाया जाएगा सरकारी समितियों के एडिशनल रजिस्ट्रार स्तर के अफसर को भी इसका सदस्य सचिव बनाया जा सकता है किसान कर्ज आयोग का कार्यकाल 3 साल का रहेगा आयोग के अध्यक्ष और मेंबर का कार्यकाल भी 3 साल का रहेगा सरकार अपने स्तर पर एक कार्यकाल को बढ़ा या घटा सकती है।