10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक नई खबर सामने आई है केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति राजस्थान में लागू होने के बाद निकट भविष्य में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का काम भी आधा रह जाएगा संभावनाएं यही बन रही है कीबोर्ड बरस 2024 की दसवीं की परीक्षा आखरी बार कराएगा इसके बाद बोर्ड के पास केवल 12वीं की परीक्षाएं कराने का जिम्मा होगा इस दिशा में अभी फाइनल लेने नहीं आए लेकिन बोर्ड जिस तरह से नहीं लिख शिक्षा नीति के अनुसार काम करने लगा है उसे इन संभावनाओं को बल मिल रहा है बोर्ड ने नई शिक्षा नीति की पालना में ही वर्तमान में जारी बोर्ड परीक्षाओं के तहत पेपर सेटिंग कुछ बदलाव कराए हैं।
बोर्ड की तरफ से समय-समय बदलाव किए जाते हैं और नए नवाचार भी किए जाते हैं वर्तमान में यह फैसला राज्य सरकार के निर्णय पर होना है केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में काम प्रगति पर है बोर्ड में अप्रत्यक्ष रूप से कुछ चीजें भी लागू की गई है बोर्ड ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एनसीआरटी के दिशा निर्देशों को फॉलो करना शुरू किया है बोर्ड के मुताबिक इस बार भी बोर्ड ने परीक्षाओं में विद्यार्थियों के लिए कुछ पेपर में बदलाव किए गए हैं इनसे कुछ पेपर झारखंड में बांटना बहुविकल्पीय प्रशन लागू रात में और अकेला ग्राहक में प्रश्नों में डिजाइन करना जैसे बदलाव शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नई शिक्षा नीति लागू हो रही है और केंद्र सरकार में इसमें नए संकेत दे रही है इसके अलावा होने के बाद में दसवीं बोर्ड समाप्त होगा संभावना यह है कि पूरे देश में एक साथ दसवीं बोर्ड की समाप्ति का निर्णय किया जाएगा राजस्थान में सरकार की मंशा पर यह फैसला तय होगा अभी तक राज्य सरकार ने नई शिक्षा नीति को अंगीकार नहीं किया है।
राजस्थान की विधानसभा चुनाव नजदीक है उसके बाद में नई सरकार का गठन होगा एक सवाल यह भी खड़ा किया जा रहा है किस राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद में जिस पार्टी की सरकार बनेगी उसी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा यदि केंद्र सरकार की पार्टी की ही राज्य में सरकार आती है तो नई शिक्षा नीति लागू होने में देरी भी नहीं होगी और मौजूदा सरकार रिपीट होती है तो कुछ देर ही संभव हो सकती है।
1957 से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा आयोजित की जा रही है राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का गठन 1957 में किया गया था और उसी समय से दसवीं की परीक्षा प्रारंभ गई प्रारंभ से इस बोर्ड के जरिए दो परीक्षाएं दसवीं और ग्यारहवीं की आयोजित की जाती थी बाद में इतनी शिक्षा नीति में बदलाव है और दसवीं के बाद में 12वीं बोर्ड किया गया।